नैनीताल जनपद के काठगोदाम में 10 किलोमीटर ऊपर गोला बैराज के अपस्ट्रीम में 130.60 मीटर ऊंचे रोलर कंपक्टेड कंक्रीट बांध का निर्माण होने जा रहा है।
परियोजना के निर्माण से उत्तराखंड के नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले के साथ- साथ उत्तरप्रदेश के बहुत से जिलों को सिंचाई , पीने का पानी मिलेगा।
इस बांध से 27 मेगावाट बिजली उदपादन करने का लक्ष्य है।पानी के बंटवारे के लिए उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के बीच सहमति बन गयी है।
जमरानी बांध परियोजना के एमओयू पर यूपी ने मंजूरी दे दी है।इस बारे में केंद्रीय जल आयोग को अवगत कराया जा चुका है । अब केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय से इसे नेशनल प्रोजेक्ट घोषित करने का अनुरोध किया जायेगा।
बांध को लेकर यूपी अपनी सहमति दे चुका है । अब यूके सरकार केंद्रीय जल संस्थान मंत्रालय से इसे नेशनल प्रोजेक्ट घोषित करने का अनुरोध करेगी । नेशनल प्रोजेक्ट घोषित होने की स्तिथि में बांध निर्माण का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।
जमरानी बाँध परियोजना पिछले कई दसकों से लटकी हुई है।इसका शिलानान्यास 26 फरवरी 1976 को तत्कालीन केंद्रीय सिंचाई मंत्री केसी पंत और तत्कालीन मुख्यमंत्री एंडी तिवारी ने किया था। शिलान्यास के बाद से ही ये परियोजना सिर्फ फाइलों में बंद रह गयी ।राज्य गठन के बाद जमरानी बांध का मुद्दा राजनैतिक चर्चाओं का बहुत बड़ा विषय रहा है किन्तु किसी भी सरकार ने इसे बनाने के लिए कोई ठोश कदम नही उठाये है।
अब सिर्फ ये देखना बाकी है कि कब इस परियोजना को एक राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिलता है । उत्तरपरदेश की सहमति बाद अब केंद्र को पत्र भेजा जाएगा ।
धन्यवाद।
परियोजना के निर्माण से उत्तराखंड के नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले के साथ- साथ उत्तरप्रदेश के बहुत से जिलों को सिंचाई , पीने का पानी मिलेगा।
इस बांध से 27 मेगावाट बिजली उदपादन करने का लक्ष्य है।पानी के बंटवारे के लिए उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के बीच सहमति बन गयी है।
जमरानी बांध परियोजना के एमओयू पर यूपी ने मंजूरी दे दी है।इस बारे में केंद्रीय जल आयोग को अवगत कराया जा चुका है । अब केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय से इसे नेशनल प्रोजेक्ट घोषित करने का अनुरोध किया जायेगा।
बांध को लेकर यूपी अपनी सहमति दे चुका है । अब यूके सरकार केंद्रीय जल संस्थान मंत्रालय से इसे नेशनल प्रोजेक्ट घोषित करने का अनुरोध करेगी । नेशनल प्रोजेक्ट घोषित होने की स्तिथि में बांध निर्माण का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।
जमरानी बाँध परियोजना पिछले कई दसकों से लटकी हुई है।इसका शिलानान्यास 26 फरवरी 1976 को तत्कालीन केंद्रीय सिंचाई मंत्री केसी पंत और तत्कालीन मुख्यमंत्री एंडी तिवारी ने किया था। शिलान्यास के बाद से ही ये परियोजना सिर्फ फाइलों में बंद रह गयी ।राज्य गठन के बाद जमरानी बांध का मुद्दा राजनैतिक चर्चाओं का बहुत बड़ा विषय रहा है किन्तु किसी भी सरकार ने इसे बनाने के लिए कोई ठोश कदम नही उठाये है।
अब सिर्फ ये देखना बाकी है कि कब इस परियोजना को एक राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिलता है । उत्तरपरदेश की सहमति बाद अब केंद्र को पत्र भेजा जाएगा ।
धन्यवाद।
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